इतिहास क्या है | एव परिभाषाए और प्रचीन, मौखिक इतिहास क्या है

इतिहास क्या है (What is the History)

इतिहास क्या है मध्य प्राचीन एव विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा या उलेखन को इतिहास(history) कहते है।मानव हमेशा  इतिहास को अतीत में घटी पुरानी घटनाओं का विवर्ण ही मानते है। इतिहास को मानव और उनसभी वस्तु एव जीव आदि का विकसित सभय्ता और वजूद समय काल आभास प्रकट करता है |

इतिहास कितने प्रकार के होते है 

इतिहास को मुख्य तीन प्रकार है। प्राचीन काल इतिहास (Ancient History) मध्यकालीन इतिहास (Midevable History) आधुनिक इतिहास (Morden History) होते है, इनमे मध्यकालीन इतिहास का वर्णन कई इतिहासकारो ने क्या है और हमेशा मानव जीवन पर आधारित रहा है, इतिहास को ग्रीक भाषा में हिस्टोरिया(History) कहा जाता है| 

इतिहास का जनक कौन है (Father of History)

‘इतिहास का जनक किसे कहा जाता है’ ठीक ठीक काहे तो इतिहास समझने में थोड़ा सा कठिन है क्योकि इतिहास का जनक कोई व्यक्तिगत नहीं है। इतिहास समय के प्रतिकूल घटनाओं, व्यक्तियों, और समाजों का एक अध्ययन होता है। इतिहास अध्यापकों, लेखकों, वेदव्यवस्थाओं और पुरातत्व अनुसंधानकर्ताओं द्वारा लिखा गया और संग्रहित किया गया है।

तथ्ये के तोर पर इतिहास का जनक – चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में हिरोडोटस ग्रीक (hirodots) है जिसका जन्म सन 425 इसा पूर्व में हुआ था और उनकी मृतु 484 ईस्वी जब वे उसकी मृत्यु हुई उस समय 60 वर्ष के आयु था।

वह एक प्रचीन यूनानी लेखक, एव भूगोलिक इतिहासकार का जनक माने जाते है, वे अपनी लेखन हिस्टोरिका नामक पुस्तक लिखकर अतीत में हुई घटनाओँ की जानकारी दिया था।

उन्होंने अपनी रचना में ग्रीको अथवा फ़ारसी युद्धों का एक विस्तृत विवरण किया है, और वह इतिहासिक घटनाओ की  व्यवस्थित जाँच करने वाले पहले लेखक थे इसी कारण उसे “इतिहास का पिता” के रूप में जाना जाता है| और ये उपाधि प्रचीन रोमन वक्ता सिसरो द्वारा प्रदान की गया है।

इतिहास का क्या महत्त्व है। (what is important history)

इतिहास का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह हमें वर्तमान के समय को समझने में मदद करता है। इतिहास हमें पुराने समय के घटनाओं, व्यक्तियों, और समाजों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो वर्तमान में हमारे जीवन और समाज को प्रभावित करते हैं। इतिहास हमें हमारे विश्व के विकास के पृष्ठभूमि प्रदान करता है, जो हमें वर्तमान में होने वाले घटनाओं के बारे में अधिक समझने में मदद करता है।

और भी कारणों से मनुष्य के जीवन में इतिहास का महत्त्व है क्योकि हमरे मानव मस्तिष्क एव आचरण को सुसंस्कृत बनाने का प्रमुख वे प्रभापूर्ण साधन है। हम क्यों पढ़े इतिहास – इसे पढ़ने से  हमारा अतीत काल की सभ्यता एव सस्कृति और प्रचीन काल का विकसित सभ्यता का पता चलता है, जिससे हम वर्तमान संस्कृति को समझने में समर्थ होते है। इसे हम आने  वाली नए विकास का  ज्ञान केते है और उसे  समझते है।

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इतिहास का अर्थ और इतिहास क्या है परिभाषा ( Definitions of History in Hindi )

इतिहास क्या है
इतिहास क्या है एव परिभाषा 4000 BC

इतिहास के भिन्न प्रकार है। जैसे एक समय था जब बड़ी बड़ी घटनाये को ही इतिहास माना जाता था और ये  सभी इतिहास राजा महाराजा और उसके नीतियों के बारे में ही होता था।

पर आम लोग एव बच्चे के मन में तो हमारे इतिहास और अतीत के लेकार तो कुछ अलग ही सवाल तथा सोच होते है जो  हमारे रोज मरा की जीवन से जुड़े होते है|

हम सब के जीवन में  कभी ना कभी ऐसे छान आते है, जब हम कुछ चीजों कुछ बातो को जानने के लिए उत्सुक हो उठते है। जैसे की कभी कभी हम सोचते है की जिस जमाने में टीवी, रिडियो, वाहन, एव हवाई जहाज अदि नहीं हुआ  करते थे तब लोगो को देश  दुनिया में घट रही घटनाओ की जानकारी कैसे मिलती थी।

यह जिस जमाने में मोटर पानी के  जहाज और रेल भी नहीं थी उस जमाने में लोग दूर दरश की यात्रारए कैसे करते होंगे या फिर जो अनाज हम खाते है उसे उगाने  की खेती की शुरुआत कब और कैसे हुआ और कब चाय उगने उसे एक पये के रूप में पिने का चलन सुरु हुआ

हमारे आज के जीवन  और रहन शहन से जुड़े हुए इन शवालों का जवाब अतीत में ही मिलती  है। इसलिए इतिहास सिर्फ वीते हुऐ काल के बारे में ही नहीं आज के बारे में बताते है। इतिहास सुदूर अतीत से शुरू हुई एक ऐसी यत्रारा है।

जिसे में किसान, व्यापारी, और शिल्पकार जिस्मे अनेको खोजे अविष्कार जिसमे है, तीर्थ यात्रराये और संत, ऋषि मुनि एव इमारते, चित्र, धर्म और विशवाश,  इतिहास आज राजा रानियों, और महान लोगो की जीवनियों, एव  रहनीतिक घटनाओ का शकलन मात्रर नहीं है।

इतिहास आम लोगो के बारे में भी है, और आम लोगो के जीवन में आये बद्लावे के लिए है। सीधे तौर पार कहे तो इतिहास पुराने घटनाओं के अध्ययन होता है और वे विश्व पर उनके प्रभाव को दर्शाते हैं। यह प्राचीन सभ्यताओं से आधुनिक समय तक घटनाओं को शामिल करता है,

जैसे राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, और सामाजिक विकास। इतिहास के अध्ययन से हम वर्तमान को समझ सकते हैं, क्योंकि वे हमारे विश्व और उसमें रहने वाले लोगों को बनाने वाले घटनाओं को पृष्ठभूमि देते हैं।

इतिहास (History) वर्तमान, भविष्य और अतीत में घटने वाले घटनों, व्यक्तियों, समुदायों, राज्यों, संस्थानों, सभ्यताओं और खोजों के विवरण के संग्रह और व्याख्या का अध्ययन होता है। यह एक सार्थक, व्यापक और प्रत्येक प्रकार के व्यवहार और तकनीकों के विकास को दर्शाने वाले स्थान होते हैं।

सूक्ष्म इतिहास क्या है?

सूक्ष्म इतिहास” वर्तमान युग में ऐतिहासिक शोध का विषय में है, यह एक विज्ञानी तथ्य है जो सूक्ष्मतम तत्वों, प्राकृतिक प्रक्रियों, और इंजीनियरिंग प्रणालीयों के इतिहास को तथ्यात्मक तरीके से विवेचन करने वाले विज्ञान के एक विभाग होते हैं। इसमें तत्वों के प्रारंभिक स्थान, प्रक्रियों का विकास, और प्रणालीयों के विकास को जानना जिस इन का इतिहास शामिल होता है।

सीधे तैर पर कहे तो सूक्ष्म इतिहास (Microhistory) एक ऐसी परंपरा है, जो विशेषतः एक व्यक्ति, समुदाय, स्थान या घटना पर ध्यान केंद्रित करती है। इसका उद्देश्य नियमित इतिहास से अधिक विस्तृत, उन्नत और उत्पन्न अधिक बोध प्राप्त करने के लिए होता है।

भारतीय इतिहास की परिभाषा

भारतीय इतिहास (Indian History) भारत में रहने वाले व्यक्तियों, घटनाओं, समुदायों, राज्यों, संस्थानों, सभ्यताओं और इतिहासिक प्रक्रियाओं के विवरण के संग्रह और व्याख्या का अध्ययन होता है।

भारतीय इतिहास पूर्व काल से सम्पूर्ण तक, लोक महान्यम, विद्वानों, भविष्यवाणीयों, वेद, पुराण, उपनिषद और दर्शनों के माध्यम से भी जाना जाता है। इसका महत्व भारत और इसके सभ्यताओं, संस्थानों, इतिहासिक प्रक्रियाओं और विविध प्रकार के व्यवहारों को बेहतर समझने, पुनर्विचार करने और भविष्य में उन्नत निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता

इतिहास लेखन की अवधारणा

  1. व्यवस्थित संग्रह: वेबदुनिया, पुस्तकें, प्रतिलिपियाँ, रिकॉर्ड्स, वेद, पुराण, उपनिषद, लोक महान्यम और अन्य स्रोतों से जुड़े हुए इतिहासिक जानकारी को प्राप्त करना।
  2. समय-अवधि व्याख्या: घटनाओं, व्यक्तियों, समुदायों, राज्यों, संस्थानों, सभ्यताओं और इतिहासिक प्रक्रियाओं को वेश्यविवरणीय और समय-अवधियों के अनुसार व्याख्या करना।
  3. विविध प्रकार के व्यवहार और व्याख्या: व्यवहारों, संस्थानों, समुदायों, राज्यों, संस्थानों, सभ्य है
  4. अनुकूलन और तटस्थता: इतिहासिक घटनाओं के अनुकूलन और तटस्थताओं को व्याख्या करना।
  5. क्रम और तकनीकी विवरण: घटनाओं के क्रम, विविध प्रक्रियाओं, तकनीकों, विधियों, संस्थानों, संगठनों और समुदायों की विवरण।
  6. नक्शीय और ताजगीरी प्रयोग: घटनाओं, व्यक्तियों, समुदायों, राज्यों, संस्थानों, सभ्यताओं और इतिहासिक प्रक्रियाओं के स्थानों के विवरण के लिए नक्शों और ताजगीरों का प्रयोग करना।
  7. हिस्ट्रीकॉलोजी: व्यवहार, संस्थान, समुदाय, राज्य, संस्थान, सभ्यताओं और इतिहासिक प्रक्रियाओं के व्यवहार और व्याख्या के लिए इतिहासकारों की हिस्ट्रीकॉलोजी का प्रयोग करना।
  8. उत्तरता और विवेक: स्वतंत्रता, न्याय, समृद्धि, संतृप्ति, सामाजिक विविधता, विविध विचारों और धार्मिक विवेकों के बारे में सम्बन्धित घटनाओ बताते है।

इतिहास लेखन में इन तत्वों को ध्यान में रखने से पूर्ण, सही और बुद्धिमानी इतिहासिक लेखन होता है।