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बैरोमीटर – ये एक वैज्ञानिक एव वायुदाबमापी उपकरण है, जिसे वायुमण्डल के दबाव को मापे जाते है। तो आज जाने गे की बैरोमीटर क्या है। बैरोमीटर एक ऐसा यन्त्र (device) जिसका उपयोग करके वायु को मापते ने का काम करते है जिसे वायु दाब का पता लगते है।
इसकी सहायता से वायुमंडलीय सभी प्रकार की दाब को भी मापे जाते है। हमारे पृथ्वी पर अनेक तरह के जलवायु परिवर्तन होता रहता है, जिसे हमें इसका पता लगाना कठिन था।
क्योकि वायुमंडलीय दाब अलग अलग जगह पर अलग प्रकार के होते है, जैसे की समुन्द्र तल या स्तर से ऊंचाई अलग अलग होती है। इसलिए बैरोमीटर से हम उस जगह की वायु की दाब एव जलवायु की पता लगाते है। जिसे हम मैसम में होने वाले परिवर्तन को समझते है।
सरुअत में जब बनाया गया था तब इसमें पारे और पानी का उपयोग क्या गया था। बैरोमीटर – एक उल्टे बेलनाकार ट्यूब से मिलकर बना होता है, जो निचे की तरफ खुला होता है और शर्ष पर बंद होता है। और ये ट्यूब एक जलाशयस स्तंभ पर इस्थित है जिसमे पारा मजूद होता है।
जब ट्यूब ने पारे के एक स्तंभ की तरह काम किया और जिसे शीर्ष खली हो जाता है, इसलिए रीडिंग को ट्यूब के अंदर कॉलम की ऊंचाई के रूप में व्याख्या की गई, और इसे मिमी में मापा गया था। इसे mmHg माप आता है।
बैरोमीटर का आविष्कार किसने किया था। (bairo miter kisne banaya)
आज हम मौसम की जानकारी अपने स्मार्ट फ़ोन पर ही देख लेते है। लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब हमे मौसम की कोई सटीक जानकारी नहीं था।
उस समय कोई उपकरण नहीं था, जिसे हम मौसम की जानकारी पा सके, उस समय हम सिर्फ एक अनुमान ही लगा सकते थे, इसे हमे मौसम की किसी प्रकार की अधिक जानकारी नहीं जुटा पते थे।
लेकिन जब बैरोमीटर का आविष्कार हुआ इसे हम मौसम की पूर्व अनुमान लगने में सामर्थ हुए। आये जानते है की बैरोमीटर का अविष्कारक कौन है। आखिर किसने क्या बैरोमीटर के अविष्कार – हम आपको बता दे कि इस वायुदाबमापी की खोज इटली के वैज्ञानिक इवान जेलिस्टा टोरिसेली (Evangelista Torricelli) द्वारा सन् 1643 में किया गया था। हलाकि इसे पर शोध 1640 में ही हो गया था। फिर 1643 पूरी तरह से ये तैयार हो गया था। उस से, मौसम संबंधित सभी मूल्यों तथ्ये के बारे में जानने की रूचि सुरु हुई।
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बैरोमीटर कितने प्रकार के होते है। (बैरोमीटर के प्रकार)
- फोर्टिन बैरोमीटर (fortin barometer)
- टोरिसिली बैरोमीटर (toricilli barometer)
- धातु बैरोमीटर (metal barometer)
- ऐनेरोइड बैरोमीटर (aneroid barometer)
- डिजिटल बैरोमीटर (digital barometer)
- एमईएमएस बैरोमीटर (MEMS Barometer)
- पारा बैरोमीटर (mercury barometer)
- जल बैरोमीटर (water barometer)
बैरोमीटर का सिद्धांत क्या है, ये कैसे काम करता है।
जब हम किसी बैरोमीटर के द्वारा वायुमंडलीय दाव को मापते करते है इसके लिये हम हवा, पानी और पारे का प्रयोग करते है। किसी साधारण बैरोमीटर में काँच की एक नली होती है। जिसकी एक सिरा बंद और दूसरा सिरा खुला हुआ रहता है। जब हम एक अन्य पात्र, प्याला लेते है, जिसमे कुछ ऊँचाई तक पारा भरा जाते है, काँच की इस नली को हम पात्र में उल्टा करके रख देते है।
इनसे खुला सिरा पात्र में परे की सतह के संपर्क में आये। इस प्रकार रखने से नली में जब परे के स्तर में कुछ कमी देखने को मिलता है और वह निचे की ओर गिरने लगता है। तथा एक निश्चित ऊंचाई पर आकर रुक जाता है। एव प्याला के नली में पारे के तल तक की ऊँचाई तक पारे का हो दाब होता है वह वायुमण्डली दाब के बराबर होता है। तो हम इस प्रकार पता करते है की किसी जगह के जलवायु का दाब कितना है। इसी प्रकार अन्ये पानी तथा हवा से भीं मापते है।
बैरोमीटर से मौसम की जानकारी का पता कैसे लगते है।
जब भी बैरोमीटर मे अचनाक पारे का स्तर गिर जाता है। तब इसका मतलब होता है की आंधी या तूफान आने वाला है और फिर जब पारे का स्तर धीरे धीरे से गिरता है तब बारिश होने की संभावना होती है और फिर जब पारे का स्तर धीरे धीरे बड़ता है तब आसमान साफ होने वाला होता है, फिर जब अचानक पारे का स्तर बढ़ जाता है तब आसमान बिल्कुल साफ हो जाएगा ये समझते है तो इस प्रकार हमे बैरोमीटर से मौसम की पूरा जानकारी प्राप्त करते है।
फोर्टिन बैरोमीटर कैसे काम करता है। (fortin barometer kya hai)
फोर्टीन बैरोमीटर में करीब 6 mm बोर की एक ग्लास ट्यूब को एक तामचीनी और लैकर पीतल ट्यूब में लगाया जाता है, जो दीवार पर लगाने के प्रावधान के साथ पॉलिश लकड़ी के बोर्ड पर लगाया जाता है। रासायनिक रूप से एनग्रेव्ड, सिल्वर स्केल के साथ, mm और 1 / 10″ दोनों में ग्रेजुएटेड वर्नियर के साथ जिसमें 0.1 mm या 1 / 200 इंच मरकरी की कम से कम गणना होती है
जो रैक और पिनियन व्यवस्था के साथ चलती है और दो स्केल के बीच लगाई जाती है, एक ग्लास सिलेंडर में संलग्न पूर्ण व्यवस्था। स्केल के पीछे एक सफ़ेद प्रतिबिंबित सतह इसे आसानी से पढ़ने की सुविधा प्रदान करती है। बैरोमीटर के निचले सिरे की ओर एक ग्लास सिलेंडर में एडजस्टमेंट स्क्रू के साथ एक आइवरी पॉइंटर होता है जो फिड्यूशियल सेटिंग पॉइंट प्रदान करता है जिसके लिए सिटी में मरकरी का स्तर पढ़ने से पहले एडजस्ट किया जाता है।
रिंग सपोर्ट और इंस्ट्रूमेंट के बेस पर तीन लॉकिंग स्क्रू ऊर्ध्वाधर स्थिति में बैरोमीटर को सुरक्षित करने का माध्यम प्रदान करते हैं। परिवेश के तापमान को पढ़ने के लिए थर्मामीटर के साथ फिट किया गया। पारा के बिना सप्लाई किया जाता है। एक फोर्टिन बैरोमीटर भरने के लिए ये सारे निर्देश शामिल होता है। तो कुछ इस तरह काम करती है।